दौसा। श्री सिद्धेश्वर घुमन्तू जाति छात्रावास का वार्षिकोत्सव ‘उदय’ हर्षोउल्लास के साथ रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर घुमंतू समुदाय के विद्यार्थियों ने अपनी कला, संस्कृति की रचनात्मक प्रस्तुति देते हुए बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य घुमंतू छात्र शक्ति में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित करना रहा।
मुख्य अतिथि भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीकृष्ण दत्त शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी रेला और व्यवसायी गौरव रेला मंचासीन रहे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के घुमंतू कार्य संयोजक महावीर प्रसाद थे।
महावीर प्रसाद ने कहा कि देशभक्ति और स्वाभिमान की भावना से ओतप्रोत घुमंतू समुदाय के लोग सदियों से समाज का अभिन्न अंग रहे है, लेकिन अंग्रेजी शासनकाल के दौरान 1871 के आपराधिक जनजाति अधिनियम ने इस वर्ग को समाज से अलग कर दिया। आज आवश्यकता है कि इन्हें पुनः सम्मानजनक स्थान दिलाने और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं।
मुख्य अतिथि विधायक गोठवाल ने कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होती, बल्कि सांस्कृतिक,सामाजिक और शारीरिक विकास भी समान रूप से जरूरी है। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना विकसित होती है। उन्होंने कहा कि घुमंतु, अर्द्धघुमंतू और विमुक्त समुदायों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास और सामाजिक सम्मान जरूरी है। सरकार इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान भामाशाहों एवं भाग लेने वाले प्रतिभागियों को मंचासिन अतिथियों द्वारा स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समारोह में बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित रहें।
सरकार से नहीं आर्थिक सहायता
छात्रावास समिति के अध्यक्ष मनोज राघव ने जानकारी देते हुए बताया कि यह छात्रावास पिछले दस वर्षों से समाज के सहयोग से संचालित हो रहा है और सरकार से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं लेता। संस्था का उद्देश्य घुमंतू जातियों के बच्चों को शिक्षा, संस्कार और अनुशासित जीवनशैली प्रदान कर उनका सर्वांगीण विकास करना है। समिति की संरक्षक भावना शर्मा ने कहा कि हमारा ध्येय इन बच्चों में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता विकसित कर समाज को योग्य नागरिक देना है। मंत्री मनीष खंडेलवाल गोठड़ा ने बताया कि छात्रावास में बावरिया, सपेरा, बंजारा, सांसी, गाड़िया लुहार, बागरिया, नाथ सिकलीगर, जादूगर और पुराने कपड़े बेचने वाले जैसे घुमंतू समुदाय के बच्चों को रखा गया है। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष कल्पना गोस्वामी, महामंत्री कालूराम जायसवाल, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण वर्मा, व्यवस्थापक बनवारीलाल बैरवा, सदस्य राधेश्याम शर्मा, संतोष जांगिड़, दिनेश सिंह आदि मौजूद रहें।


