You are currently viewing घुमंतू समाज के बच्चों ने बिखेरी प्रतिभा की चमक,                                                                     गुरु गोरखनाथ छात्रावास का वार्षिकोत्सव संपन्न

घुमंतू समाज के बच्चों ने बिखेरी प्रतिभा की चमक, गुरु गोरखनाथ छात्रावास का वार्षिकोत्सव संपन्न


उदयपुर। भारतीय संस्कृति अभ्युत्थान न्यास द्वारा संचालित गुरु गोरखनाथ छात्रावास का वार्षिकोत्सव आज प्लेसमेंट सभागार, सीटीएआई,एमपीयूटी में हर्षाेल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में छात्रावास में अध्ययनरत घुमंतू समाज के बच्चों ने लोकगीत, देशभक्ति गीत, सामूहिक परिवार पर आधारित नाटिका, शारीरिक प्रदर्शन और पिरामिड निर्माण जैसी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में बच्चों के उत्साहवर्द्धन के लिए राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जनजातीय क्षेत्रीय विकास तथा गृह सुरक्षा मंत्री श्री बाबूलालजी खराड़ी पूरे समय में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम से प्रभावित होकर वहां उपस्थित समाजसेवियों और अतिथियों ने छात्रावास के सहयोग हेतु आगे बढ़ते हुए आर्थिक सहायता की घोषणा की तथा छात्रावास समिति को सहयोग स्वरूप चेक प्रदान किए।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के महंत श्री नरपत राम जी महाराज के उत्तराधिकारी कथावाचक संत चेतन राम रामस्नेही साहित्याचार्य ने कहा कि “व्यक्ति के जीवन में नौ प्रकार की माताएँ होती हैं”। गुरु गोरखनाथ छात्रावास बच्चों में देशभक्ति, संस्कार और चरित्र निर्माण का एक जीवंत केंद्र है।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़ प्रांत प्रचारक श्रीमान मुरलीधरजी ने कहा कि “समाज के अंतिम छोर पर खड़े घुमंतू समाज के बच्चों को शिक्षित, सक्षम और संस्कारित नागरिक बनाना संपूर्ण समाज का दायित्व है’’ यही इस छात्रावास का मूल लक्ष्य है।”
प्रांत सह घुमंतू कार्य प्रमुख डॉ. पुष्कर जी लोहार ने बताया कि घुमंतू जाति उत्थान न्यास शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, श्रद्धा जागरण, सरकारी दस्तावेज़ निर्माण और योजनाओं के लाभ दिलाने जैसे कार्यों के माध्यम से घुमंतू समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्यरत है।
छात्रावास समिति के अध्यक्ष श्री ललित जी सोलंकी ने छात्रावास की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन छात्रावास समिति के संरक्षक श्री सुभाष जी जोशी व श्रीमती जयमाला जी छापरवाल ने किया। छात्रावास संरक्षक श्री सोहन जी गुर्जर के धन्यवाद सम्बोधन के पश्चात समरसता मंत्र के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। कार्यक्रम के पश्चात सभी समाज जन ने एक साथ भोजन किया।
कार्यक्रम में मंच पर भारतीय संस्कृति अभ्युत्थान न्यास के अध्यक्ष श्री हेमेंद्र जी श्रीमाली, शिक्षविद और समाजसेवी श्री गोविंद जी अग्रवाल, श्री प्रवीण जी यादव, घुमंतू समाज के महंत श्री वरदीदास नाथजी रंगस्वामी उपस्थिति रही तथा बड़ी मात्रा में समाज के बुद्धिजीवी,भामाशाह, सहित बड़ी संख्या में घूमन्तु समाजजन उपस्थित रहे।