Our Aim

To serve the members of the nomadic castes residing in the state of Rajasthan, different groups and classes, economically, socially, educationally and in any other way backward and in deprivation condition, through various programs and projects, to make them self-reliant and as far as possible for their rehabilitation for manage.

Our Activity

Bal Sanskar Kendra for members of nomadic castes, children of different groups and classes, To establish, operate, conduct and provide support for the operation of schools and colleges for youth and hostels for students.

To arrange books, equipments, accommodation, food and clothes etc. for members of nomadic castes, poor and meritorious students of different groups and classes, to give scholarships and to organize coaching classes and to provide necessary assistance to students, scholars and researchers aspiring for higher education. Giving and getting help.

Our Objective

Our Member List

न्यास का नाम – इस न्यास का नाम घुमन्तू जाति उत्थान न्यास है तथा रहेगा I

पंजीकृत कार्यालय – इस न्यास का पंजीकृत केन्द्रीय कार्यालय – “ सेवा सदन ” सहकार भवन के पीछे , सहकार मार्ग लाल कोठी योजना जयपुर | राजस्थान ( 302006 ) है तथा इसका कार्यक्षेत्र “ सम्पूर्ण राजस्थान ” रहेगा I

न्यास का उद्देश्य – इस न्यास के उद्देश्य अग्रलिखित है :-

  1. राजस्थान प्रदेश में निवास करने वाली घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों की , आर्थिक , सामाजिक , शैक्षणिक तथा अन्य किसी प्रकार से पिछड़ेपन और अभावग्रस्त स्थिति में , विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रकल्पों द्वारा यथासंभव सेवा करना , आत्मनिर्भर बनाना तथा पुनर्वास के लिए यथासंभव प्रबंध करना I
  2. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के बच्चों के लिए बाल संस्कार केन्द्र , युवकों के लिए विद्यालय एवं महाविद्यालय तथा छात्र – छात्राओं के लिए छात्रावास की स्थापना करना , संचालन करना , संचालित करवाना व संचालन हेतु सहयोग प्रदान करना I
  3. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के निर्धन एवं मेधावी छात्र के लिए पुस्तकें , उपकरणों , आवास , भोजन व वस्त्र आदि की व्यवस्था करना , छात्रवृति देना व कोचिंग कक्षाएं लगवाना , उच्च शिक्षा के इच्छुक विधार्थियों विद्वानों व शोधकर्ताओं को यथावश्यक सहायता देना और सहायता दिलवाना I
  4. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के बाल , किशोर , युवक – युवतियों व विद्यार्थियों के शारीरिक , मानसिक , बौद्धिक व आत्मिक विकास के लिए कार्यक्रमों की रचना करना I
  5. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना करना तथा करवाना और सहयोग देना I
  6. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के लिए प्रोढ़ शिक्षा केन्द्र वाचनालयों , प्रयोगशालाओं व व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना करना और करवाना I
  7. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों के वर्गों के लिए नवीनतम जानकारी जुटाना उपलब्ध कराना , और कुटीर उद्योगों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करना I
  8. घुमन्तू जातियों के सदस्यों विभिन्न समूहों व वर्गों के लिए ब्लड बैंक , चिकित्सालय , चलते फिरते औषधालयों , रोग निदान केन्द्रों , रोगी वाहनों एम्बुलेंस आदि तथा रोगी सहयोग के लिए भोजनालयों की स्थापना , व्यवस्था एवं संचालन करना और करवाना I
  9. घुमन्तू जातियों के सदस्यों विभिन्न समूहों व वर्गों के अनाथ बच्चों एवं असमर्थ अभिभावकों के बच्चों एवं असमर्थ बालकों महिलाओं एवं पुरुषों के लिए आश्रम व भोजनालयों  आदि स्थापित व संचालन करना और करवाना I
  10. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों में यज्ञ धार्मिक प्रवचन सामूहिक विवाह आदि जैसे आयोजन द्वारा सामाजिक कुरीतियों को समाप्त कर , संस्कारों व स्वस्थ कल्याणकारी परम्पराओं को स्थापित करने का प्रयास करना और करवाना I
  11. घुमन्तू जातियों से सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के हित में आवश्यक साहित्य प्रकाशित करना प्रकाशन के लिए किसी संस्थान की स्थापना करना या पहले से संचालित प्रकाशन गृह का अधिकरण करना अथवा उसे आर्थिक सहयोग प्रदान करना I
  12. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों में सामाजिक , सांस्कृतिक , राष्ट्रीय पर्वों को मानना , सहयोग करना और मनाने के लिए प्रेरित करना I
  13. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के मध्य सद् भाव व राष्ट्रहित का भाव जागरण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों हेतु सहायता एवं प्रोत्साहन देना I
  14. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों में सेवा कार्य एवं राष्ट्रभाव के प्रति आस्था एवं रूचि उत्पन्न करना , सेवा कार्यों की व्यवस्था करना तथा निस्वार्थ सेवाभावी

कार्यकर्ताओं को सहयोग देना I

  1. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों को योग , व्यायाम , प्राणायम , स्वास्थ्यवर्धन , पर्यावरण , शिक्षा , संस्कार , स्वावलंबन एवं रोजगार वृद्धि आदि हेतु व्यक्ति / व्यक्तियों / अन्य संस्था – संस्थाओं के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित करना , कार्यक्रम आयोजन हेतु साधन – संसाधन उपलब्ध करवाना कार्यक्रम में सहयोग करना व प्रेरित करना I
  2. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के युवक , युवतियों महिलाओं व पुरुषों के लिए विभिन्न प्रकार के कौशल एवं प्रशिक्षण के कार्यक्रम व कार्यशाला आयोजित कर , कौशल विकास व विकसित करना और आत्मनिर्भर बनाना I कौशलवान युवक – युवतियों महिलाओं व पुरुषों को योग्यता अनुसार रोजगार के साधन उपलब्ध करवाना एवं रोजगारन्मुख कार्यक्रमों के लिए प्रेरित करना I
  3. न्यास के उद्धेश्यों की पुर्तीं हेतु ऐसे सामाजिक एवं पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं , जो न्यास के उद्धेश्यों में वैचारिक एवं व्यवहारिक आस्था रखतें है कि यथा योग्य चिकित्सा भोजन एवं आवास की व्यवस्था करना एवं रक्त परिजनों एवं उनके आश्रितों की आवश्यकता अनुसार सहायता करना I
  4. घुमन्तू जातियों के सदस्यों , विभिन्न समूहों व वर्गों के किसी देवी विपत्ति , अनावृष्टि – अतिवृष्टि , बाढ़ , भूकंप , अकाल , अग्निकांड या महामारी आदि से पीड़ितों को विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रकल्पों द्वारा यथा संभव सहयोग करना , आत्मनिर्भर बनाना तथा उनके पुनर्वास के लिए यथासंभव प्रबंध करना I
  5. न्यास के उद्धेश्यों की पूर्ति एवं विस्तार के लिए केंद्रीय सरकार , राज्य सरकार अन्य समाज सेवी संस्थाओं तथा सभी समाजों के परिस्थिति एवं आवश्यकता अनुसार अनुदान रूप में धन आठवा सामग्री की सहायता प्राप्त करवाना I
  6. न्यास के उद्धेश्यों की पूर्ति एवं विस्तार के लिएनियमानुसार सदस्यता शुल्क , दान , अनुदान , सुरक्षित धन के रूप में नगद अथवा सामग्री के रूप में जिसमें चल , अचल , संपत्ति , प्रतिभूमि राशि आदि शामिल है , प्राप्त करना I
  7. न्यास के विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन में उपयोगी किसी भवन , भूमि , संपत्ति , यांत्रिक , उपकरणों अथवा उनके किसी भाग की खरीद करना , निर्माण की व्यवस्था तथा संचालन करना I
  8. न्यास के उद्धेश्यों की पूर्ति हेतु व्यक्तियों , संस्था व संगठनों को प्रेरित करना , संस्थान स्थापित करना , पूर्व स्थापित संस्थाओं के अथवा व्यवस्थाओं में सहयोग करना उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना I
  9. न्यास के अधिपत्य के भवन , भूमि , परिसर , तथा साधनों के उपयोग हेतु अन्य व्यक्ति , व्यक्तियों व संस्था , संस्थाओं को लाभ – हानि के उद्देश्य के बिना , सीमित अवधि अथवा सीमित दीर्घावधि के लिए अधिकृत करना , न्यास के उद्धेश्यों के अनुरूप भवन के उपयोग हेतु विभिन्न संस्थाओं , व्यक्तियों के कार्यों पर विचार कर स्थान उपलब्ध करवाना तथा सामान उद्धेश्यों की पूर्ति हेतु उनके द्वारा कार्य करने हेतु स्थान की उपलब्धता की निरंतरता सुनिश्चित करना , सम्पूर्ण संपत्ति का अधिकतम उचित तथा समाज हितार्थ उपयोग सुनिश्चित करना I

उपरोक्त उद्धेश्यों की पूर्ति में कोई लाभ निहित नहीं है