घुमन्तू समाज ने हर कालखण्ड में अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष किया

देशाटन से आता है वसुधैव कुटुम्बकम का भाव

जयपुर। घुमन्तू जाति उत्थान न्यास,जयपुर महानगर द्वारा घुमन्तू तीर्थ योजना के अन्तर्गत 72 घुमंतू युवा सदस्यों को मेवाड़ क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक स्थलों व मंदिरों की यात्रा कराई गई। न्यास की और से घुमंतू समाज के लोगों को भारतीय मुख्य धारा में जोड़ने के लिए अनेकों कार्य किए जा रहे इसके तहत मेवाड़ दर्शन यात्रा का आयोजन किया गया। 4 अक्टुबर से 6 अक्टुबर तक घुमंतू परिवार के युवाओं को दिवेर का किला , श्रीनाथ जी, एकलिंग महादेव, चेतक स्मारक, हल्दीघाटी रक्त तलाई, प्रताप गौरव केन्द्र उदयपुर, सांवरिया सेठ, चित्तौड़गढ़, अनगढ़देव बाउजी सहित चित्तौड किला का भ्रमण कराया गया। इस अवसर पर न्यास के दायित्वान कार्यकर्ता भी उनके साथ रहे।
मेवाड़ दर्शन यात्रा का शुभारंभ कार्यक्रम 4 अक्टुबर को स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर स्थित स्वास्तिक भवन में किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक बाबूलाल जी मुख्यवक्ता रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सिद्धी विनायक अस्पताल के निदेशक डॉ एलएन रूण्डला द्वारा की गई । मंचासिन अतिथियों में विशिष्ठ अतिथी जयपुर सांसद श्रीमती मंजू शर्मा ,मोदी कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक गौरव मोदी, विश्वकर्मा हार्डवेयर के रजनीकांत जांगिड़,मैसर्स बालाजी इंटरप्राइजेज के महिपाल चौधरी और सालासर धाम के विष्णु पुजारी उपस्थित रहे।

भारत में अनादिकाल से देशाटन की परम्परा रही है, जिसको तीर्थाटन, भारत भ्रमण और भारत दर्शन भी कहा गया है। यहां तक कि प्रशासनिक सेवा के नवचयनित प्रशिक्षुओं को भी भारत दर्शन पर जाना अनिवार्य होता है। इसका मूल भाव होता है कि हम क्या हैं, इसको समझना। इससे हमारा विचार वैश्विक बनता है। इस विचार के आधार पर ही भारत ने ’वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश दिया। यह बात कहते हुए मुख्यवक्ता आरएसएस के प्रांत प्रचारक बाबूलाल जी ने कहा घुमंतू समाज ने हर कालखण्ड में अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष किया। अपनी जन्मभूमि छोड़ दी, लेकिन अपना धर्म नहीं छोड़ा। भारतीय मुख्यधारा में आने के लिए घुमन्तू समाज को सहसमाज के साथ एकाकार होना होगा।
मुख्य अतिथि जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा ने घुमन्तू समाज के युवाओं को मेवाड़ के ऐतिहासिक स्थलों और प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन यात्रा की सराहना करते हुए कहा इससे युवाओं में राष्ट्र गौरव का भाव और अधिक प्रबल होगा।
डॉ. एलएन रुण्डला ने इस कार्यक्रम से जुड़ने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा घुमन्तू समाज के उत्थान के लिए हमेशा अपना योगदान देते रहेंगे।
घुमन्तू जाति उत्थान न्यास जयपुर महानगर के संयोजक राकेश कुमार शर्मा ने घुमंतू समाज के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा 1857 की क्रांति में घुमन्तू समाज का बड़ा योगदान था। यह समाज हथियार बनाने ,देशाटन कर व्यापार करने के कारण सभी मार्गो से अवगत थे। इसी कारण अंग्र्रेजों की हर चाल को नाकाम करने में सक्षम रहे। इसलिए अंग्रेजों ने इन्हें जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया। यह स्थिति स्वाधीनता के बाद भी अधिक नहीं बदली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस समाज के उत्थान के लिए विभिन्न प्रकल्पों की शुरूआत की जिसमें शिक्षित बनाने के लिए बाल संस्कार केन्द्र, तीर्थ यात्राएं ,रोजगार मेले शामिल है। सौभाग्य से वर्तमान सरकार भी इनके प्रति संवेदनशील है। खुले आसमान के नीचे रहने वाले समाज को स्थाई आवास दिलाने का कार्य किया है। 2 अक्टूबर को 21 हजार परिवारों को जमीन के निशुल्क पट्टे वितरित किए गए हैं। अब इस समाज को तीर्थाटन से जोड़ने का दायित्व भी संघ प्रेरित संगठन घुमन्तू उत्थान न्यास निभा रहा है।

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